Monday 30 July 2012

श्रवण की गांड ठुकाई

ये कहानी जब की है तब मै 12 साल का था मैंने आठवी कक्षा पास कर ली थी, उस समय गर्मियों की चुटिया थी, गर्मी की वजह से मै सुबह शाम दो बार नहाता था | सुबह तो मै घर पर ही नहाता था पर शाम के समय मै खेत मै जाकर नहाता था, खेत मै १ बड़ा होड़ था वहा मै शाम को दो तिन गंटे तक होड़ मै नहाता रहता था,
मेरा एक दोस्त था श्रवण वो भी शाम को वहा नहाने आता था, वो और मै दोनों होड़ मै पकड़ा पकड़ी खेलते थे और खूब मज़ा करते थे, हम दोनों १ दुसरे की फुनकी (लंड ) को हिलाते थे और आनन्द को महसूस करते थे,कभी कभी मै फुनकी को उसके पीछे जाके उसकी गांड पे रगड़ता था तो वो भी अपनी गांड को हिलाता था, इस करने से बहुत मज़ा आता था इस तरह से हम दोनों के दिन गुजर रहे थे, एक दिन मै पाली से एक ब्लू पोस्टर की किताब लेके आया, रत को श्रवण के घर चला गया, श्रवण के घर पे एक कमरा और है वहा श्रवण पढाई करता है, मै ऊपर चला आया | फिर मै और श्रवण मिलके वो फोटो देखने लगे, फोटो देख के मेरा लंड खड़ा हो गया, मैंने हाथ लगाकर देखा तो श्रवण लंड भी फुदाके मर रहा था मेरा मतलब उसका भी कड़क हो गया था, फोटो देखते हम दोनों ने एक दुसरे कपडे उतर दिए और एक दुसरे चूमा चुम्मी करने लगे, एक फोटो मै एक लड़की एक लड़के लंड अपने मै ले रही थी तो मैंने श्रवण को भी ऐसे ही करने को कहा तो वो राजी हो गया, मैंने मेरा लंड श्रवण के मुह मै डाल दिया, श्रवण मेरे लंड को चूसने लगा, शायद उसे भी मज़ा आ रहा था, उसने थोड़ी देर ऐसे मुह मै लंड को हिलाया तो मेरे लंड मै से कुछ निकला, उस समय हमे पता नही था की ये क्या होता बाद मै पता चला की इसे वीर्य कहते है और इसे चूत मै डालने पर  इससे बच्चे होते है | उस दिन श्रवण ने पूरा वीर्य पि लिया फिर मै श्रवण के लंड को मुह मै लेकर चूसने लगा और थोड़ी देर मै उसके लंड से भी पानी निकल गया |
        हम फिर से वो पोस्टर वाली किताब मै फोटो देखने लग गए थोड़ी देर बाद हम दोनों का फिर खड़ा हो गया, इस बार मैंने श्रवण को उल्टा लेटने को कहा और मै अपने लंड को पीछे से उसकी गांड मै गुसने की कोशिस करने लगा परन्तु बहुत कोशिस करने के बाद भी मेरा लंड श्रवण की गांड मै नही गुसा, फिर मैंने लंड के चुपाड़े ऊपर किया और उसके ऊपर बहुत सारा थूक लगाया और थोडा थूक श्रवण की गांड पर लगाया फिर एक ऊँगली गांड मै गुसाई तो आराम से अन्दर घुस गई, मै फिर लंड के चुपाड़े को गांड छेद पर रख के थोडा जोर लगया तो आधा लंड श्रवण की गांड मै घुस गया लेकिन तभी उसी समय मुझे धक्का देखर उठ खड़ा हुआ और अपनी गांड पे हाथ रखकर मुझे गाली दी मरचोद धीरे डालना मेरी गांड फट जाएगी, बहुत दर्द हो रहा है, 
मैंने उसको कहा अब धीरे धीरे डालूँगा इस बार उसको घोड़ी बना दिया तभी मुझे डाबर आलमंड ओइल की सीसी दिखाई दी, मैंने बहुत सारा तेल लंड पे लगा दिया और बहुत  सारा श्रवण की गांड के ऊपर लगाया फिर लंड गांड के छेद पर रख के धीरे जोर लगाया तो पूरा लंड गांड मै गुस गया और इस बार श्रवण को दर्द भी नही हुआ, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था , फिर मै लंड को धीरे धीरे उसकी गांड मै हिलाने लगा, मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, पहले तो मैंने धीरे अन्दर बाहर किया फिर मैंने लंड की स्पीड बड़ा दी कुछ देर ऐसा करने के बाद मेरे लंड ने जवाब दे दिया और मेरे लंड श्रवण की गांड मै ही वीर्य छोड़ दिया, श्रवण का भी लंड निचे पानी छोड़ चूका था, उस दिन पहली बार मैंने मेरी जिंदगी मै सेक्स का मज़ा लिया था, उस दिन के तीन बाद वापस श्रवण और मै मिले तो श्रवण बोला यार अर्जुन गांड अभी दुःख रही है और गांड से डाबर आलमंड ओइल की खुसबू आ रही है,,,,, मैंने कहा गांड को अच्च्ची तरह से साबुन से धोना सब ठीक हो जायेगा | श्रवण बोला अब मैंने गांड मरा दी अबकी बार तेरी बारी है, अब तुम निचे सोना और मै फुनकी को तेरी गांड मै डालूँगा, मैंने हा भर के अपने घर आ गया |
पहली बार होने के कारन मेरे लंड मै भी सुजन आ गई थी और बहुत दर्द हो था, उसके बाद जब भी हम मिलते थे मौका देककर हम दोनों एक दुसरे की गांड मरते थे और मज़ा करते थे, ये सिलसिला आज शादी होने २ साल बाद तक जारी है, उसकी भी शादी हो गई है और एक बेटी भी है, उसके बाद मैंने श्रवण की बीवी को किस तरह से छोड़ा वो मै आपको बाद मै बताऊंगा 
मेरी ये सत्य कहानी आपको कैसे लगी आप अपनी प्रतिकिर्या मेरी ID arjunchoudhary243@gmail.com  पर जरुर भेजे और किसी लड़की और लड़के गांड मरवाने की इच्छा हो तो भी मुझे ईमेल करे 
 

सुन्दर सुन्दर सेक्सी लडकियों के चित्र









































आंटी


हैलो दोस्तों ! मेरा नाम आतिफ है और मैं दिल्ली में रहता हूँ। मैं हमेशा यह सोचा करता था कि क्या मैं भी कभी अपनी ज़िन्दगी में किसी के साथ सेक्स कर पाऊँगा! मुझे ब्लू-फिल्म देखने की आदत है लेकिन क़िस्मत देखिए कि कभी भी मैं किसी के साथ सेक्स नहीं कर पाया था। मेरी उम्र २३ साल और कद ५ फीट ९ इंच है। वैसे लोग कहते हैं कि मैं स्मार्ट भी हूँ, ख़ैर छोड़िये।
लेकिन मैं आप को अपनी एक ऐसी हक़ीकत से वाक़िफ कराना चाहता हूँ जो मेरे साथ पहले कभी नहीं हुई। ये होने के बाद मैं मन ही मन बड़ा खुश होता रहता था क्योंकि जो मैं इतनी कोशिश करने के बाद भी नहीं कर पाया वो अचानक हो गया।
हुआ ये कि मेरे घर के सामने एक घर है जिसमें एक परिवार रहता है जो बिहार से है, उस परिवार में ४ सदस्य हैं जिनमें से २ बच्चे और दो बड़े हैं
जून २००८ की बात है जब मेरा परिवार स्कूल की छुट्टियों की वज़ह से गाँव गई हुई थी तो बस मैं ही घर पर अकेला था। शनिवार की बात है उस दिन मेरे ऑफिस में छुट्टी होती है तो थोड़ा देर से सोया और देर से जागा। उसके बाद मैं फ्रेश हुआ और बिस्किट खरीदने के लिए दुकान पर गया।
वह दुकान बहुत ही छोटी थी और वहाँ भीड़ बहुत ज्यादा रहती थी। जहाँ मैं खड़ा था उसके एकदम आगे मेरे सामने वाली आँटी खड़ी थी वो भी कुछ सामान ले रही थी और भीड़भाड़ होने की वज़ह से हम एक-दूसरे से बिल्कुल चिपके हुए थे। पहले तो मैंने ध्यान नहीं दिया फिर मैंने महसूस किया कि मेरा लण्ड आँटी की गाँड पर लग रहा है। मेरा लण्ड एकदम तन गया, मुझे बहुत मज़ा आने लगा। फिर आँटी सामान लेकर जाने लगी, जाते हुए आँटी ने मेरी तरफ देखा, उनका चेहरा गुस्से से लाल था। मुझे पता नहीं क्यों, बहुत शर्म सी आई और फिर मैं भी उनके जाने के करीब १०-१५ मिनटों के बाद घर आ गया।
मैंने पहले तो चाय पी, फिर अपने दरवाज़े के सामने खड़ा हो गया। अचानक आँटी ने अपना दरवाज़ा खोला और मुझे देखकर आँटी ने मुझे कहा "बेटा, क्या तुम हमारा एक काम कर दोगे?"
"कहिए आँटी जी," मैंने डरते हुए कहा।
उन्होंने कहा, "बेटा, मेरा हाथ नहीं पहुँच रहा है, तुम मेरा एक डिब्बा उतार दो।"
मैंने कहा- ठीक है। फिर मैं उनके घर चला गया, वहाँ ऊँचाई पर एक डिब्बा रखा हुआ था, आँटी ने बताकर कहा,"बेटा यही डिब्बा उतारना है।"
मैंने डिब्बा उतार दिया। तभी आँटी ने गेट बन्द कर लिया।
मैंने कहा- आँटी ! मैं जाता हूँ, तो उसने मुझे बुलाया, "इधर आओ,"
यह सुनकर मेरी तो हवा ही खिसक गई, लेकिन फिर मैं भी हिम्मत करके चला गया। मैंने कहा "कहो आँटी, क्या कोई और कोई काम है?"
"नहीं, एक बात पूछनी थी।" आँटी ने कहा।
मैं डर गया, डरते-डरते मैंने कहा, "कहिए आँटी जी !"
आँटी ने पूछा, "तुम्हारी उम्र कितनी है?"
मैंने जवाब दिया, "आँटी जी, २३ साल !"
फिर आँटी ने कहा कि मेरी उम्र ४० साल है और मैंने तुम्हारी माँ के उम्र की हूँ, तुम्हें शर्म नहीं आई दुकान पर ऐसी हरक़त करते हुए?
मैंने गर्दन नीचे किये हुए उनसे माफी माँगी, "आँटी मुझे माफ कर दो, आज के बाद ऐसा नहीं होगा," मैं उनके सामने हाथ जोड़ने लगा।
"अरे कोई बात नहीं, ऐसी उमर में ऐसा होता है। पहले भी किसी के साथ ऐसा या कोई और गलत काम किया है?"
मैं कुछ नहीं बोला।
फिर आँटी ने कहा, "अरे शरमाओ मत, बताओ।"
"नहीं आँटी ! अभी तक नहीं।"
"शादी से पहले कम से कम २-३ बार ज़रूर करना चाहिए।"
मैंने हिम्मत करके कहा, "क्यों आँटी?"
"क्योंकि हर काम से पहले ट्रेनिंग ज़रूरी है, जैसे आर्मी वालों को दी जाती है। क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेण्ड है?"
"नहीं आँटी जी, मेरी कोई भी गर्लफ्रेण्ड नहीं है।"
"ये तो बड़े ही दुःख की बात है।" आँटी ने कहा।
"अगर तुम इजाज़त दो तो मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूँ।" आँटी ने आगे कहा।
"कैसे?" मैंने प्रश्न किया।
उन्होंने कहा, "मैं तुम्हें ट्रेनिंग दूँगी ताकि तुम अपनी बीवी को ज़्यादा खुश रख सको। क्या तुम तैयार हो?"
"जी हाँ आँटी, जैसा आप कहें।"
मैं सोच रहा था कि ये मेरे साथ ऐसी बातें कैसे कर रही हैं, वो भी पहली बार। मुझे लगा शायद दुकान वाली हरकत की वज़ह से वह मुझसे ऐसी बातें कर रही है।
आँटी ने मेरे हाथ अपने चेहरे पर लगाये और मुझे कहा कि मेरे गालों को सहलाते रहो। मैं ऐसा ही करता रहा। फिर आँटी ने मेरा हाथ अपनी टाँग पर रखा और मुझसे कहा- मेरी टाँग पर अपना हाथ फेरते रहो।
मैं ऐसा ही करता रहा। मुझे भी मज़ा आने लगा। आँटी बहुत गरम होने लगी और मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरी गाँड पर हाथ फेरने लगी।
मैंने अपना हाथ टाँग से हटाकर आँटी के मोटे-मोटे बूब्स पर रखा, वैसे तो उन्होंने कपड़े नहीं उतारे थे, पर फिर भी मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। आँटी कहने लगी कि तुम तो इंटेलीजेन्ट हो, अपने आप ही हाथ रख लिया।
फिर मैं ज़ोर-ज़ोर से बूब्स दबाने लगा, आँटी एकदम पागल सी हो गई। मैं भी होश खो बैठा और अपना हाथ आँटी के पेटीकोट में अन्दर उनकी प्यारी सी चूत पर रखा, वो एकदम मुझसे चिपक गई।
फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उनकी चूत में डाली और बार-बार अन्दर-बाहर करने लगा। आँटी को बड़ा मज़ा आने लगा। मज़े की वज़ह से वो सिसकियाँ लेने लगी। उनके मुँह से आवाज़ें आ रहीं थीं... हाय ! मैं मर गईईईईईईईईईईई....! ओओओओओ....! ह्ह्हहह्ह।
फिर अचानक आँटी ने कहा कि मैं तुम्हें इस ट्रेनिंग का आखिरी पाठ सिखाती हूँ और फिर उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे अपने बेड पर लेटने के लिए कहा। मैं लेट गया। उन्होंने भी अपने कपड़े उतार दिये।
अब वो मेरे सामने एकदम नंगी थी। वो उतनी ख़ूबसूरत तो नहीं थी, पर उसकी फिगर लाजवाब थी। फिर वो मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़कर अपने हाथ को ऊपर-नीचे करने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर उन्होंने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और फिर अपने मुँह को ऊपर-नीचे करने लगी। मेरा लण्ड एकदम तन गया और करीब ७-७.५ इंच का हो गया।
फिर उन्होंने फिर मुझे कहा कि अब तुम उठो और मैं लेटती हूँ। मैं सोच रहा था कि यार, कहीं इसका दिमाग तो खराब नहीं हो रहा है, लेकिन फिर ये सोचकर कि कहीं बना-बनाया काम न बिगड़ जाये, मैंने कुछ नहीं कहा। फिर वो लेट गई और मुझे कहा अपना मुँह मेरी दोनों टाँगों के बीच में रखकर मेरी चूत को चाटो !
मैंने कहा, आँटी ये गन्दी है। आँटी ने पूछा, "क्या तुम अपनी बीवी को खुश नहीं रखना चाहते?"
मैंने उत्तर दिया "हाँ"।
"तो फिर चलो, जल्दी करो।"
मैंने चाटना शुरू कर दिया।
मैंने देखा कि आँटी की आँखें बन्द हैं और वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ ले रहीं हैं। थोड़ी देर ऐसा ही करने के बाद आँटी ने कहा "रूको !"
मैंने पूछा "क्या हुआ?"
आँटी ने कहा, "कुछ नहीं हुआ, अब मैं तुम्हें सबसे मज़ेदार, और सबसे आख़िरी स्टेप सिखाती हूँ।
फिर आँटी ने अपनी टाँगें ऊपर कीं और मुझे कहा कि अपना लण्ड मेरी चूत पर रखो और अपने हाथ मेरे कंधे के पास। मैंने ऐसा ही किया। फिर आँटी ने मेरा गरम लण्ड अपनी गरम चूत पर रखा और मुझे कहा कि अब धीरे-धीरे इसे अन्दर करते रहो। मैंने ऐसा ही किया। जब मेरा आधा लण्ड अन्दर जा चुका था तो मुझे बड़ा मज़ा आने लगा।
आँटी कह रही थी कि तुम्हारा लण्ड कितना मोटा है। बड़ा दर्द हो रहा है।
मैंने कहा, "अगर आप कहती हैं तो मैं निकाल लेता हूँ।
आँटी ने कहा, नहीं मेरी जान, मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है, और दर्द तो ज़रूर होता है और जितना दर्द होगा, बाद में मज़ा भी उतना ही आयेगा।
मैंने फिर एकदम से अपना सारा का सारा लण्ड उसकी गरम चूत में पेल दिया। वो चिल्लाने लगी, कहने लगी कि इसे फाड़ेगा क्या। उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े।
मैंने पूछा, "बहुत दर्द हो रहा है क्या?"
"जानवर की तरह करेगा तो दर्द नहीं होगा?"
"सॉरी आँटी...!"
आँटी बोली, "कोई बात नहीं, तुम लगे रहो, धीरे-धीरे दर्द कम हो जाएगा।"
चार-पाँच मिनट बाद शायद उसका दर्द कम हो गया, क्योंकि वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी, "आज इसे फाड़ दो... मैं तुम्हारी हूँ... ज़ोर-ज़ोर से पेलो मेरी जा..आआआआआआआन.... आआआआआआआआह ईईईईईईईईईईईईईई ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ आआआआआआआआह मैं मर गईईईईईईईई।
तकरीबन १५ मिनट के बाद आँटी ने कहा मेरी जान अब दूसरा स्टेप करते हैं और वो फिर उठी और डॉगी स्टाईल में हो गई और मुझे कहा अब दुबारा अपना काम शुरू करो।
मैंने फिर उसकी गरम चूत में अपना सात इंच का मोटा लण्ड पेल डाला। वो फिर सिसकियाँ लेने लगी, और चिल्लाने लगी, "मैं मर गई... आज मेरी चूत को फाड़ डालो मेरी जान..."
और मैं भी मज़े से पागल हो रहा था। हम दोनों की आवाज़ें पूरे कमरे में गूँज रहीं थीं।
तकरीबन १० मिनट बाद आँटी ने कहा "ज़रा हटो।"
"क्यों आँटी?"
"अब मैं तुम्हें वो स्टेप सिखाऊँगी जो अन्त में करना चाहिए, जब तुम्हारी गाड़ी मंज़िल पर पहुँचने वाली हो।"
"ठीक है आँटी।"
वो पिर उसी पोज़ीशन में आ गई जैसे कि शुरू में थी, अपने दोनों पैर ऊपर उठा लिये और फिर कहा कि अब दुबारा इसमें डाल दो, और चाहे जो कुछ भी हो, अपना लण्ड अन्दर ही रहने देना।
मैंने सोचा कि यार क्या होगा, फिर मैंने अपना लण्ड घुसेड़ दिया और तकरीबन ६-७ मिनटों के बाद मुझे और आँटी को बड़ा जोश आने लगा। हम दोनों ज़ोर-ज़ोर से सिसकने लगे... आहहहहहहहहहहह ओययययययययययय आआआआआआआहहहहहहह।
मैंने फिर आँटी से कहा कि आँटी लगता है मेरे लण्ड से कुछ निकलने वाला है।
"मेरी भी चूत से निकलने वाला है, लेकिन तुम अन्दर ही रखना और अन्दर ही डाल देना जो भी निकलेगा।"
मैंने कहा, "ठीक है।"
आँटी फिर शायद झड़ने वाली थी क्योंकि उसने मुझे बहुत कसकर पकड़ रखा था और आँटी कहने लगी मेरी जान... मैं मर गई... मैं झड़ने वाली हूँ। फिर वह झड़ गई।
दो मिनट बाद मेरा भी काम हो गया। आँटी पहले भी १ बार बीच में झड़ चुकी थी, फिर हम दोनों थोड़ी देर तक एक-दूसरे से लिपटे रहे और फिर आँटी ने कहा, "लो ये कपड़ा और इसे साफ कर लो।" आँटी ने भी अपनी चूत साफ कर ली और फिर पूछा, "कुछ सीखा?"
"हाँ आँटी, मैं सीख गया।"
"मेरी जान अब मैं तुम्हारी हो चुकी हूँ। अगर तुम्हें मेरी क्लास अच्छी लगी हो तो तुम रोज़ आ सकते हो।"
"ठीक है आण्टी जी मैं रोज़ सीखने आया करूँगा।" मैंने उत्तर दिया।
फिर आँटी ने मुझे एक लम्बी पप्पी दी और कहा कि अब तुम जाओ मेरी जान।
फिर मैंने कपड़े पहने और अपने घर वापस आ गया।
उसके बाद मैं आँटी को चोदने रोज उसके घर जाने लगा। १ महीने तक हमने खूब मस्ती की। और अब भी जब मौका हाथ लगता है हम दोनों सेक्स करते हैं, खूब मज़े लेते हैं... अब मैं एक दूसरी औरत पर लाईन मार रहा हूँ जिसकी शादी अभी-अभी हुई है। अगर हमारी बात वहाँ तक पहुँचती है तो मैं आपको ज़रूर लिखूँगा.... बाययय

लंड चूसने की विधि-1

इस धरती पर शायद ही ऐसा कोई पुरुष होगा जिसे अपना लंड चुसवाना अच्छा नहीं लगता होगा। ज़्यादातर लोग इसकी कामना ही करके रह जाते हैं क्योंकि उनकी पत्नी या प्रेमिका इस क्रिया में दिलचस्पी नहीं रखतीं। कुछ लड़कियां इसे गन्दा समझती हैं और कई ऐसी हैं जिन्हें पता नहीं कि क्या करना होता है।
सबसे ज़रूरी जानने योग्य बात तो यह है कि लंड चूसना एक सुरक्षित क्रिया है जिससे लड़की को कोई भय नहीं होना चाहिए। लंड चूसने से वह गर्भ धारण नहीं कर सकती और अगर वह कुंवारी है तो अपने कुंवारेपन को कायम रखते हुए अपने प्रेमी को अद्भुत आनंद प्रदान कर सकती है। पुरुष के लिए यह सम्भोग के समान आनंद-दायक क्रिया होती है। अगर उसकी प्रेमिका प्यार से उसका लंड चूसती रहे तो उसे सम्भोग की कमी महसूस नहीं होगी। उधर लड़की को भी इसक्रिया में बहुत आनंद आ सकता है बशर्ते उसे सही तरीका आता हो और उसके मन में इस क्रिया के प्रति कोई गलत धारणाएँ ना हों।
इस लेख के द्वारा मैं लड़कियों के लिए लंड चूसने और लड़कों के लिए लंड चुसवाने की सही विधि बताऊँगा जिससे आप इस अति-सुखदायक क्रिया का पूरा आनंद उठा सकेंगे। इस क्रिया में ज्यादा सक्रिय भूमिका लड़की की होती है और लड़के को आनंद उठाने के अलावा कुछ ज्यादा नहीं करना होता। ठीक इसी प्रकार चूत चुसवाने की क्रिया भी होती है जिसमे लड़का क्रियाशील होता है और लड़की सिर्फ आनंद उठाती है। चूत चुसवाने और चूसने की विधि अगले लेख में प्रस्तुत करूंगा। 
तैयारी- पुरुष की
लंड चुसवाने के लिए यह अत्यंत ज़रूरी है कि लंड और उसके आस-पास का इलाका एकदम साफ़-सुथरा होना चाहिए। यह हर पुरुष की ज़िम्मेदारी है कि अपने लिंग को हर समय साफ़ रखे, ख़ास तौर से यौन-संसर्ग के समय। यह उस समय और भी ज़रूरी हो जाता है जब अपने लिंग को किसी के मुँह में डालने की उम्मीद रखते हों। लंड सफाई को एक मजेदार रूप दिया जा सकता है अगर आप के पास बाथरूम की सहूलियत है या तो अपने लिंग को आप खुद पानी से धो कर साफ़ कर सकते हो या आपकी प्रेमिका यह कर सकती है। वैसे भी मैथुन से पहले साथ-साथ स्नान करना बहुत अच्छा रहता है। स्नान के दौरान एक दूसरे के शरीर के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं और सम्भोग के लिए उत्तेजना पैदा कर सकते हैं। साथ-साथ स्नान एक बहुत ही मज़ेदार रति-क्रिया हो सकती है। लिंग साफ़ करते वक़्त लंड के सुपारे की ऊपरी परत को अच्छे से खोल कर साफ़ करें और नाभि से नीचे तथा जाँघों से ऊपर के सभी हिस्से साफ़ कर लें। ख़ास तौर से चूतड़ और गांड के छेद को भी धो लें। लड़की को लंड चूसते वक़्त तुम्हारी निम्न शरीर की कोई दुर्गंध नहीं आनी चाहिए। अगर पहली बार में दुर्गंध आएगी तो वह दुबारा कभी लंड चूसने के लिए राज़ी नहीं होगी।
बेहतर होगा अगर लड़के अपने जघन के बालों (अंडकोष के आस-पास के बाल) को क़तर के थोड़ा छोटा कर लें। यह ज़रूरी नहीं है लेकिन ऐसा करने से लड़की को सहूलियत होगी। ध्यान रखें कि बाल ज्यादा छोटे नहीं काटें नहीं तो लड़की के मुँह में चुभेंगे।
तैयारी- लड़की की
पहली बार लंड चूसने के लिए सबसे महत्वपूर्ण तैयारी मानसिक होती है जिसमें लंड के प्रति गलत धारणाओं को मन से निकालना होगा। लंड अगर साफ़ सुथरा हो तो एक अत्यंत प्यारा और रोचक अंग होता है। किसी भी आदमी के लंड के कई रूप होते हैं और यह अलग-अलग अवस्थाओं में अपना रूप, आकार और माप बदलता रहता है। यह छोटा और बड़ा हो सकता है, सख्त या मुलायम हो सकता है और लचीला या कठोर हो सकता है। लंड अपना रूप अपने आप बदलता है और इसमें पुरुष की मर्ज़ी नहीं चलती। अच्छा ही है क्योंकि अगर पुरुष अपनी मर्ज़ी से अपने लंड को खडा कर पाता तो लड़कियों के लिए जीवन दूभर हो जाता।
साफ़ सुथरे लंड में कोई दुर्गंध नहीं होती और चूत के मुक़ाबले इसमें से कोई द्रव्य नहीं रिसता जब तक वह वीर्य नहीं उगलता।
लड़कियों को यह भी पता होना चाहिए कि जब एक लंड उत्तेजित हो जाता है (यानि खड़ा हो जाता है) तो उसकी पेशाब की नली बंद हो जाती है और वह मूत्र नहीं कर सकता। कहने का मतलब कि वह तुम्हारे मुँह में पेशाब नहीं कर सकता। उत्तेजना के बाद जब लंड शिथिल पड़ जाता है तो भी पेशाब करने के लिए कुछ समय लगता है। तो यह डर भी लड़कियों को नहीं होना चाहिए।
मानसिक तौर से लड़कियों को लंड से प्यार करना चाहिए क्योंकि शरीर के दूसरे अंगों की माफ़िक़ इसको भी चूमा और चूसा जा सकता है। बहुत सी लड़कियां तो लंड चूसने में बहुत मज़ा लेती हैं। मानसिक तैयारी के अलावा कोई ख़ास तैयारी लड़कियों को नहीं करनी होती। अगर तुम चाहो तो एक अभ्यास कर सकती हो जिससे उत्तेजित लंड को पूरा चूसने में कठिनाई नहीं होगी।
मुँह का अभ्यास
इस अभ्यास का उद्देश्य धीरे धीरे अपने मुँह के आकार को बड़ा करना है जिससे एक पूरा मर्दाना लंड तुम्हारे मुँह में समा जाये और तुम्हें दम घुटने या सांस रुकने की समस्या ना हो। इसके लिए तुम्हें कुछ समय तक अभ्यास करना होगा क्योंकि यह योग्यता अचानक नहीं आ सकती। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तुम अभी से लंड नहीं चूस सकती हो। लंड तो चूस सकती हो लेकिन इसमें महारत हासिल करने के लिए मुँह और गले को इस काबिल बनाना होगा कि 5-7 इंच का तना हुआ लंड मुँह में निगल सको। यह लंड चूसने की उन्नत स्थिति है और हर लड़की को इसे पाने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि इस कला को पाने के बाद तुम किसी भी मर्द को अपने वश में आसानी से कर सकती हो।
इसके लिए तुम्हें क्रमशः बढ़ते हुए आकार के ऐसे फल या सब्जियाँ चाहिएँ जिन्हें तुम मुँह में ले सकती हो। इनमें केला, खीरा, ककड़ी, लम्बे बैंगन इत्यादि उचित हैं। शुरू में छोटे आकार के फल इस्तेमाल करें और धीरे धीरे एक विकसित लंड के आकार से थोड़े बड़े आकार के फल के साथ अभ्यास करें।
अभ्यास करने के लिए जीभ को बाहर रखते हुए फल को मुँह के जितना अन्दर डाल सकती हो डाल कर अन्दर-बाहर करो। जब एक आकार के फल के साथ मुँह की क्षमता हासिल हो जाए तो उससे थोड़े बड़े आकार के फल के साथ अभ्यास करो। शुरू में मुश्किल होगी लेकिन धीरे-धीरे मुँह आदि हो जायेगा और 6-7 इंच लम्बे और 2-3 इंच चौड़े आकार के केले या खीरे अपने मुँह में ले पाओगी। जब ऐसा हो जाये तो तुम्हारा अभ्यास पूरा हो गया है और तुम अपने आदमी को अपने अधीन करने के लिए तैयार हो। ध्यान में रखने वाली बात यह है कि हमारी जीभ हमारे मुँह में काफी जगह ले लेती है।इसे जितना बाहर रखा जाये तो मुँह में लंड के लिए उतनी ज्यादा जगह बनेगी और लंड उतना ज्यादा अन्दर लिया जा सकता है।
लंड चूसने के लिए आसन
लण्ड चूसने के लिए कुछ सामान्य आसन इस प्रकार हैं। जब थोड़ा सामर्थ्य आ जाये तो अपनी मर्ज़ी से नए नए आसन बना सकते हो।
1- लड़का खड़ा हो और लड़की घुटने के बल बैठ कर लंड मुँह में ले।
2- लड़का बिस्तर पर लेटा हो और लड़की उसके पाँव की तरफ बैठी हो और आगे झुक कर लंड मुँह में ले।
3- लड़का बिस्तर पर लेटा हो और लड़की उसके सीने पर उसकी तरफ पीठ करके बैठी हो।
4- लड़की बिस्तर पर लेटी हो और लड़का ऊपर से आ कर उसके मुँह को लंड से चोदने की स्थिति में हो।
5- लड़का लड़की दोनों लेटे हों और दोनों के गुप्तांग परस्पर एक-दूसरे के मुँह के पास हों। (69 अवस्था)
पहली पहली बार लंड चूसने के लिए बताया गया दूसरा या तीसरा आसन बेहतर रहेगा क्योंकि इसमें लड़की अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़ कार्यवाही कर सकती है। पहले और चौथे आसनों में लड़का आक्रामक हो सकता है। अतः इसे थोड़े अभ्यास के बाद और भरोसे वाले लड़के के साथ ही करना चाहिए। पाँचवा आसन तब ग्रहण करना चाहिए जब दोनों परस्पर एक-दूसरे के गुप्तांग चूसना चाहते हों।
लंड से जान-पहचान
अगर तुम लंड को पहली बार इतना नज़दीक से देख रही हो या पहली बार छू रही हो तो इसे बेझिझक हाथ में लेकर इसका निरीक्षण करो। उसको हर तरफ से उठा कर और घुमा कर देखो। अगर लंड खता हुआ नहीं है (कई पुरुषों की शिश्न-मुण्ड के ऊपर की त्वचा कटी होती है, इसे ही खता हुआ कहते हैं) तो उसके सुपारे के ऊपर की चमड़ी पीछे खींच कर सुपारे को उघाड़ कर देखो। सुपारे के शीर्ष पर एक छेद होगा जिसमें से वीर्य और पेशाब दोनों निकलते हैं पर एक समय पर सिर्फ एक ही निकल सकता है। जब लंड खड़ा होता है तो पेशाब नहीं निकल सकता और जब शिथिल होता है तो आम तौर पर वीर्य नहीं निकलता।
लंड का सुपारा सबसे संवेदनशील हिस्सा होता है ख़ास तौर से अगर वह खता हुआ नहीं है तो। खते हुए लंड तुलना में कम संवेदनशील होते हैं। लंड के छड़ की त्वचा मुलायम होती है और सुपारे के मुक़ाबले में कम नाज़ुक होती है। लंड की जड़ के पास दो अंडकोष होते हैं जिनकी त्वचा खुरदुरी होती है और वे पूरी तरह बालों से ढके होते हैं। अंडकोष में वीर्य रहता है और वे ठण्ड में सिकुड़ कर और गर्मी में फैल कर वीर्य को सही तापमान पर रखते हैं। अंडकोष भी बहुत संवेदनशील होते हैं। हालाँकि लंड के मुक़ाबले इनमें स्पर्श-बोध कम होता है लेकिन ज़ोर से दबाने से या चोट लगने से इनमें बहुत दर्द होता है। लंड चूसते समय अंडकोष को भी चूसा जा सकता है लेकिन इनको मुँह में लेते वक़्त सावधानी बरतनी चाहिए।
शेष दूसरे भाग में !

मोनिका मिश्रा की कुंवारी चूत

हाय! आय ऍम राजेश जिंदल मैं आज आप को अपनी लाइफ़ की पहली सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूं। मैं गुड़गांव में रहता हूं ये बात उस टाइम की है जब हमारे पड़ोस मैं एक नई लड़की अपने मामा के यहां रहने आयी। उस का नाम मोनिका था। वो बिहार की रहने वाली थी उसका रंग सांवला था पर उसके बूब्स एक दम सेब की तरह टाइट थे। उसके कूल्हे मस्त थे जब वो चलती थी तो उसके कूल्हों की उठा पटक देख कर गली के लड़कों के लंड चैन तोड़ने के लिये बेकरार हो जाते थे।
वो कभी २ हमारे घर टीवी पर मूवी देखने आ जाती थी। जब वो हमारे यहां आती थी तो मेरी नजरें सिर्फ़ उसके कूल्हों पर ही रहती थी। उसके बूब्स उसकी चोली को फाड़ने के लिये बेबस होते नजर आते थे। एक दिन हमारे घर के सभी लोग एक शादी में गये थे। मोनिका के घर वाले बिहार गये हुए थे। वो जाने से पहले मोनिका को हमारे घर ही रात को सोने के लिये बोलकर गये थे। उस दिन जब वो हमारे यहां आयी तब मैं अपने घर में इंगलिश मूवी देख रहा था, वो चुपचाप आकर मेरे पीछे खड़ी हो गई मैने उसे नहीं देखा, मूवी में चूदाई का सीन आ रहा था लड़का अपना लंड लड़की की गांड में दे कर चूदाई का मजा लूट रहा था, मैं भी अपने मोटे लंड को हाथों में लेकर बैठा था, मेरा लौड़ा टाइट होता जा रहा था, एक दम मेरे पीछे रखे गिलास की आवाज आयी तो मैने घूम कर देखा तो मोनिका मेरे पीछे खड़ी मूवी को बड़े ध्यान से देख रही थी उसकी आंखें बिल्कुल लाल हो रही थी मैने जल्दी से पास पड़े टावेल को उठा कर अपने लौड़े पर डाल लिया
वो भी सकपका गई, मैने उसको अपने पास बैठने के लिये बोला तो वो आकर बैठ गई, मैने उससे पूछा कि तुम कब आयी तो वो शरमाते हुए बोली कि जब हीरो हिरोइन को किस कर रहा था तब। मैं समझ गया कि उसने पूरी चूदाई देखी है मैने उसके हाथ को छुआ तो वो पूरी कांप रही थी, मेरे हाथ पकड़ने का उसने कोई विरोध नहीं किया, मैं समझ गया कि आज तो जिंदगी का मजा लूटा जा सकता है। मैने उससे पूछा कि आज हमारे यहीं रूकोगी क्या क्योंकि आज हमारे यहां भी कोई नहीं है, मैं ये जानना चाहता था कि उसके मन मैं क्या है तो वो बोली कि मुझे अकेले डर लगता है, मैं खुश हो गया मेरा लौड़ा चोदने के लिये बेकरार था, उसने लाल रंग की डीप गले की चोली पहन रखी थी उसके बूब्स ऊपर से बाहर झांक रहे थे, वो बहुत सेक्सी लग रही थी
मैने उसको खाने के लिये स्वीट्स दी, रात काफ़ी हो चुकी थी मैने टीवी का चैनल नहीं बदला था थोड़ी देर बाद फिर चूदाई के सीन आये तो मैं उसकी तरफ़ देखने लगा, उसकी आंखें सेक्स से भरी नजर आ रही थी, हीरो ने जैसे ही अपना लौड़ा बाहर निकाला तो उसके मुंह से उफ निकला मेरा लौड़ा भी टाइट हो रहा था, मैने उसके कंधों पर अपना हाथ रखा तो वो बिल्कुल मेरे करीब आ गई, मेरे हिम्मत बढ़ गई मैं अपने हाथ को धीरे २ उसके टाइट बूब्स के उप्पर ले जाकर उनको सहलाने लगा उसके मुंह से मीठी २ आवाजें आने लगी। मैने उसकी चोली को धीरे से ऊपर सरकाना शुरु कर दिया नीचे उसने ब्रा भी नहीं पहन रखी थी। वो मस्त होती जा रही थी। वो बोली कि मुझे डर लग रहा है, मैने पोछा क्यों जान, तो वो बोली कि मैने आज तक सेक्स नहीं किया है मैने सोचा कि मुझे बना रही है, मैं बोला की डरो मत मैं सिखा दूंगा।
मैने उसकी चूत पर अपना हाथ रख दिया तो देखा उसकी चूत ने पानी छोड़ रखा था मैं धीरे २ उसकी चूत को सहलाने लगा उसने मुझे बाहों में भर लिया मैने उसकी कच्छी को उतार दिया वो शर्मा गई, फिर मैने उसको कहा कि अब वो मेरे कच्छे को उतार दे वो शर्मा गई तब मैने अपने लंड को आजाद कर लिया। वो मेरे लंड को प्यासी नजरों से देखने लगी और बोली कि ये तो बहुत मोटा है मेरी चूत तो फट जायेगी, मैने कहा रानी ये तुझे जवानी के मजे देगा, वो बोलि कि अब मैं क्या करूं तो मैने कहा कि जिस तरह हिरोइन कर रही वैसे ही कर. उसने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया और हिलाने लगी फिर धीरे से लौड़े को अपने मुंह में लेने लगी मेरा लंड इतना मोटा था कि उसके मुंह में नहीं आ रहा था, वो उसे चाटने लगी मेरा लंड बार २ हिल रहा था उसको लंड चाटने में मजा आ रहा था वो बोली कमल ये इतना मस्त लग रहा है कि दिल कर रहा है कि इसको खा जाऊं, मैं कहा कि जान अगर तो इसको खा जायेगी तो मैं तुझे कैसे चोदूंगा ?
फिर धीरे २ उसने लंड के टोपे को मुंह में ले ही लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगी मैं अब उसकी चूत में अपनी उंगली डालने के लिये चूत पर घुमाने लगा उसकी चूत पर छोटे २ बाल थे उसकी चूत बिल्कुत उभरी हुई थी पर मेरी उंगली उस चूत में नही बढ़ी तो मैं समझ गया कि वो बिल्कुल नई है, मैं बहुत खुश हुआ कि आज तो कुंवारी चूत की सील तोड़ने का मौका मिल ही गया मैने उसको बाहों में उठा लिया और बेडरूम में ले गया उसको बड़े प्यार से बेड पर लेटा दिया, अब हम दोनो बिल्कुल नंगे थे उसके कूल्हे वास्तव मे जैसे बाहर से दिखते थे उससे भी कहीं ज्यादा गोल और टाइट थे, मैने उससे कहा कि अपनी टांगे चौड़ी कर ले उसने वैसा ही किया, अब मेरा लौड़ा उसकी सील तोड़ने के लिये मस्त हो रहा था
मैं अपने लंड को पुश किया कुंवारी चूत से भिड़ाया तो वो मस्ती से हिल पड़ी मैं शोट लगाने को बिल्कुल तैयार था, मेने अपने लौड़े को उसकी चूत में थोड़ा सा लगा कर अन्दर किया तो वो चिल्ला पड़ी कि हाय मेरी चूत फट जायेगी तब मैने अपने लंड को वापस बाहर निकाल कर उस पर क्रीम लगाई अब वापस लौड़ा उसकी चूत में डालने लगा वो दर्द से तड़प उठी वो अपने कूल्हों को हिलाने लगी तो मैने कहा कि जान बस एक बार थोड़ा सा दर्द होगा फिर जिंदगी भर तुम लंड के मजे ले सकती हो, वो बोली कि आज तो मैं मजे लेकर रहूंगी, उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया मेरे लौड़ा ८ इंच का है मैने धीरे २ लौड़े को चूत में डालना शुरू किया २ शोट मारने पर लंड का टोपा उसकी मस्त चूत में घुस गया वो दर्द से तड़प गई मैं २ मिनट के लिये वैसे ही लेटा रहा उसने अपनी चूत को जैसे ही थोड़ा ढीला किया मैने एक जोर का हिट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ पूरा घुस गया।
वो बुरी तरह चिल्ला उठी हाय मार डाला उसकी चूत से गरम २ खून आने लगा शायद उसने नहीं देखा, मैं कुछ देर रुक गया, थोड़ी देर में उसने अपने कूल्हे हिलाने शुरू कर दिये तो मैं समझ गया कि अब दर्द कम हो रहा है बस फिर मैं अपने लंड को हिलाने लगा उसकी चूत में मेरा लंड टकराने लगा वो कस २ कर लंड का स्वाद लेने लगी मैं २० मिनट तक उसकी चूत को अपने लंड से चोदता रहा अब वो भी पूरे मजे ले रही थी। मेरा लंड टाइट चूत में टकरा २ कर घायल हो गया। उसकी मस्त चूत ने पानी छोड़ दिया उसकी चूदाई में मुझे बहुत मजा आ रहा था मेरा लंड उसकी चूत को नहलाने को तैयार था। मेरे लंड की तेज पिचकारी ने उसकी चूत को पूरा भर दिया, उसने अपनी टांगें जब तक ढीली नहीं की जब तक मेरे वीर्य की लास्ट बूंद नहीं निकल गई
अब हम दोनो अलग हो गये तो वो बहुत खुश नजर आ रही थी लिप किस कर वो बोली कि राजा आज तूने मुझे लड़की होने का मजा दे दिया आज मैं पूरी रात इस मजे को लूंगी, मैने भी कह दिया कि तेरी सील बहुत टाइट थी पर मेरे इस लंड ने आखिर उसे फाड़ ही दिया। वो बोली कि तेरा लंड नहीं ये तो हथौड़ा है ये दीवार में भी छेद कर दे ये तो मेरी कुंवारी चूत थी। फिर वो रसोई में जाकर दूध ले आयी हम दोनो ने दूध पिया जब तक उसने चादर को बदल दिया बोली कि इसे बाद में धोउंगी पहले लंड का और मजा तो ले लो। मैं बाथरूम मैं जाकर अपने लंड को धो आया, आज मैं बहुत खुश था, वापस आते ही उसने मेरे लंड को मुंह में ले लिया। वो बोली कि आज इसने मेहनत की है देखू लाल हो गया है थोड़ी देर में मेरा लंड फिर चूदाई के लिये तैयार था। इस बार मैने उस को डोगी स्टाइल में चोदा वो आज बहुत खुश थी यारों क्या बताउं कि जिंदगी में मैने ऐसी चूदाई पहली बार की मजे की बात तो ये थी कि वो और मैं ३ दिन तक अकेले रहे। हुम दोनो ने तीन दिन और तीन रात मैं १५ बार सेक्स का मजा लिया उसके बाद वो अपने घर बिहार वापस चली गई पर दोबारा आने को कह गई। अब इन्तजार है कि अगले महीने वो आयेगी तो आगे की कहानी फिर आने पर सुनाउंगा मेरी आप बीती आप को कैसी लगी

चाची की चुदाई

सभी पाठकों को मेरा प्रणाम, मेरा नाम अर्जुन चौधरी है मैं  पाली ( राजस्थान ) में रहता हूँ 
ये कहानी आज से करीब ६ साल पहले की जब मैंने जवानी मै कदम रखा था वैसे मैंने मुठ तो जब से मारनी चालू करदी थी जब १० साल का था, उस समय लंड से पानी तो नही निकलता था पर बड़ा मजा आता था | मैंने मेरे गाव मै बहुत से लडको की मैंने गांड भी मारी है वो सब मै आगे की कहानियों मै बताऊंगा | ये कहानी मेरी चाची की चुदाई की है | 

गर्मी की चुटिया बिताने के लिए मै मेरे गाव मे गया हुआ था, मै और मेरी बहिन पिंकी बहार बरामदे मै ही खाट लगाके के सोते थे , मेरे चाचा और चाची अन्दर वाले कमरे मै सोते थे  | गाव मै मेरे चाचा चाची पिंकी और मेरे दादा  दादी रहते है, परन्तु दादा दादी किसी कम से और गाव से गए हुए थे | उस समय  मेरे चाचा  ४४ साल चाची ३४ और पिंकी करीबन १६ की होगी | अचानक रात को नींद खुली, तो मैंने पानी पिने के लिए उठा, पानी पिटे वक्त अन्दर के कमरे से मुझे कुछ आवाजे सुने दी | मेने अलमरी के एक छेद से अन्दर देखा तो मै देखते ही रह गया, मेरी चाची मेरे चाचा लंड मुह मै लेकर लोलीपोप की तरह चूस रही थी ,मेरे चाचा मेरी चाची से करीबन १० साल बड़े है, मेरी चाची बार बार लड़ चूस रही थी पर लंड ढीला होने की वजह से चाची को मज़ा नही आ रहा था, आखिर आधे गंटे की कोसिस के बाद लंड मै थोड़ी से अक्कड़ आई|, मेरी चाची बार बार लड़ चूस रही थी पर लंड ढीला होने की वजह से चाची को मज़ा नही आ रहा था, आखिर आधे गंटे की कोसिस के बाद लंड मै थोड़ी से अक्कड़ आई,  अब मेरी चाची पलंग पर पैर फेलाकर सीधी सो गई, मेरे चाचा एक हाथ से मेरी चाची के बड़े बड़े बोबे दबा रहे थे और दुसरे हाथ से थोडा सा अकड़े हुए लंड को चाची की चूत मे डालने की कोशिस कर रहे थे | चाची का मुह दरवाजे की तरफ था इसलिए खिड़की के छेद से चाची की चूत स्पष्ट दीखाई दे रही थे, एक दम मस्त चूत थी और एक भी बाल नही था चूत पर | मैंने मेरी जिंदगी पहली बार उस रात किसी औरत का भोसड़ा देखा था, अब तक मेरे पेंट मेरा लंड भी खड़ा हो चूका था, मुझे मेरे चाचा पे गुस्सा आ रहा था, दिल मे तो आ रहा था चाचा को एक तरफ हटा के अभी जाके चाची को चोद दू |
थोड़ी देर के बाद चाचा चाची सो गए, मैंने देखा चाचा सो गए पर चाची जाग रही थी और धीरे धीरे चूत मे अंगुली डाल के हिला रही थी, दस पंद्रह मिनट एसा करने के बाद वो पलंग से उठी और एक कपडे से चूत चाप करने लगी, और फिर थोड़ी देर बाद सो गई | मे समझ गया की चाची ने ऊँगली से खुद को संतुस्ट कर दिया | मेरा लंड अभी भी खड़ा था मै धीरे से वापस बरामदे मै खाट पर पिंकी के पास आके सो गया परन्तु नींद मेरी आखो से कोसो दूर थी,मेरी आखो के सामने बार बार चाची की चूत आ रही थी और लंडा ढीला होने का नाम नही ले रहा था, फिर मै धीरे से उठा और बाथरूम मै जाके मुठ मारने लगा, थोड़ी लंड हिलाने के बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया अभी मैंने पेंट पहना ही नही था की मैंने देखा की पीछे मेरी चाची खड़ी है | मै जल्दबाजी मै बाथरूम का दरवाजा बंद करना भूल गया था.... मै एक दम देखता ही रहा गया ,, अब क्या होगा..... कही चाची ने मुझे लंड हिलाते हुए देख तो नही लिया मै चुप चाप पेंट पहन के बरामदे मै जाके सो गया | सुबह मेरी नींद जागी तो मैंने देखा सुबह के ९ बज चुके, पिंकी ने बताया की पापा की दस दिन इलेक्शन मै ड्यूटी लगी है इसलिए वो सुबह ६ बजे ही निकल गए है,, वो दस दिन बाद लौटेंगे और दस दिन तक मुझे गाव मै रहने को कह के गये थे 
उस दिन ५-६ बार चाची का सामना हुआ मै चाची से आख नही मिला पा रहा था, जैसे तैसे दिन गुजर गया शाम हो गई, शाम को पिंकी चाची को कहके मंजू के घर टीवी देखने चली गई और कहके गई की वो रात को उसके घर ही सो जाएगी, मेरे चाचा के घर टीवी नही थी पिंकी हमेशा मंजू के घर ही टीवी देखती थी और देर होने पर उसके घर ही सो जाती थी और सुबह घर आ जाती थी |  पिंकी के चले जाने के बाद चाची ने मेन गेट को लोक कर दिया और मुझे बोली नरेन्द्र आज तुमरे चाचा तो है नही तुम भी अंदर वाले कमरे मै सो जाना, मैंने हा मै सर हिला दिया, रात वाली बात अभी मेरे दिमाग मै गुम रही थी की चाची कही कुछ पुच न ले | कुछ देर बाद चाची भी सब काम करके अन्दर वाले कमरे मै आ गई, चाची ने गागरा  और पोल्का पहन रखा था, हलके गागरे मै से चाची की गांड दीख रही थी, चाची ने निचे कुछ भी नही पहना था,  गागरे के अन्दर चाची की गोरी गोरी टांगे और गांड देख कर मेरे लंड फिर कड़क हो गया मै अपने लंड को चाची से छुपाने के लिए थोडा निचे दबाने लगा, सायद चाची मुझे ये सब देख रही थी , फिर चाची कमरे का दरवाजा बंद करके मेरे पास पलंग पे आके सोने लगी तो मै चाची से बोला की मै निचे सो जाता हु तो चाची ने ये कहके मुझे निचे सोने से मना कर दिया की पलंग बहुत बड़ा है हम दोनों आराम से पलंग पे सो  जायेंगे | फिर मै और चाची पलंग पे ही सो गए और बाते करने लगे, चाची मुझे शहर के बारे पे पुचने लगी | चाची बड़ी सेक्सी बाते करती थी उसने मुझसे पूछा की शहर सिर्फ पढ़ते ही हो या कोई लड़की भी चैटिंग की, मैंने ऐसे ही हा मै सर हिला दिया, चाची ने पूछा कुछ किया या ,,,,,,,, मैंने कहा मै एसा लड़का नही हु चाची ,,, मुझे उन सब बातो मै पता नही चलता 
तो चाची बोली ओह्ह तो आपको इन सब बातो का पता नही पड़ता तो कल रात को आप बाथरूम मै क्या कर रहे रहे, मै एकदम चुप हो गया, चाची ने मेरी रात की हरकत देख ली थी तो चाची बोली ओह्ह तो आपको इन सब बातो का पता नही पड़ता तो कल रात को आप बाथरूम मै क्या कर रहे रहे, मै एकदम चुप हो गया, चाची ने मेरी रात की हरकत देख ली थी | मै दूसरी तरफ मुह करके सोने का बहाना करने लगा, कुछ समय बाद मैंने महसूस किया की चाची ने एक हाथ मेरी कमर पे रख दिया, मैंने कोई विरोध नही किया मै नींद का बहाना करके सोया रहा,,, फिर धीरे से चाची ने मेरे पेंट के हुक खोल दिए और ऊपर से हाथ डाल के मेरे लंड को सहलाने लगी, मेरा लंड पहले से ही खड़ा था चाची मेरे लंड की चमड़ी को कभी ऊपर कभी निचे कर रही थी, मै चुप चाप सोया रहा, फिर मैंने  चाची की तरफ मुह कर दिया चाची ने फिर मेरे लंड को हाथ मै लेकर हिलाने लगी | इस बार चाची ने मेरा पेंट गुटनो तक निचा कर दिया | मै ऊपर से पूरा नंगा हो गया था,फिर चाची ने अपना मुह मेरे पेरो की तरफ कर दिया और मेरे लंड को मुह मै लेकर चूसने लगी, मुझे परम आनन्द महसूस हो रहा था,धीरे धीरे चाची मेरे ऊपर आ गई और जोर जोर से मेरे लंड को मुह मै हिलाने लगी........मैंने भी धीरे धीरे चाची का गगरा ऊपर कर दिया और चाची की चूत पे हलके हलके हाथ गुमाने लगा और एक ऊँगली चूत के अंदर बाहर करने लगा, चाची भी जोर जोर से मेरे लंड को  चूसने लगी, पहली बार मै किसी औरत के साथ सोया था , आज से पहले ये कभी नही किया था ,,,,,दस पंद्रह मिनट ऐसा ही करने के बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया .....चाची ने तब भी मुह से लंड नही निकाला, वो पूरा का पूरा पानी गले के अन्दर गटक गई और मेरे लंड को चाटने लगी, अब तक मै और चाची एक दुसरे को खुल चुके थे , फिर मै चाची की चूत चाटने लगा और चाची अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी, चाची के लंड को सहलाने से कुछ देर मै मेरा लंड पहले की तरह खड़ा हो गया 
फिर चाची ने कहा अब मुझसे रहा नही जाता अर्जुन प्लीज़ ,,,,,अपना लंड अन्दर डाल दो, फिर चाची ने पुरे कपडे उतार दिए और पूरी नंगी होके पलंग पे सीधी लेट गई,,, मैंने अपने लंड पे थोडा सा थूक लगाया जैसा मैंने ब्लू फिल्मो मै देखा था और धीरे लंड को चाची चूत पे रख दिया ,फिर चाची निचे थोडा ऊपर हुई तो पूरा का पूरा लंड भोसड़े मै घुस गया, मेरे मुह से थोड़ी सी चिक निकली तो चाची ने पूछा दर्द हो रहा है क्या तो मैंने ना मे सर हिला दिया और लंड चूत मे हिलाने लगा बीस मिनट हिलाने के बाद चाची की चूत ने गरम गरम लावा उगल दिया, फिर तिन चार झटके और जोर जोर से चूत के अन्दर मरे तो मेरे लंड ने भी पानी छोड़ दिया | मैंने पूरा पानी चाची चूत के अन्दर ही निकल दिया | आधे गंटे तक मै चाची के ऊपर वैसे ही सोया रहा बाद मै चाची ने कहा मै गोड़ी बनती हु तुम पीछे से चूत मै लंड डालना,चाची पलंग पे ही गोड़ी बन गई और पलंग से निचे उतर कर खड़ा होके पीछे से चाची की चूत मै लंड डालके अन्दर बाहर करने लगा, कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने और चाची ने एक साथ पानी छोड़ दिया, अब तक हम दोनों थक चुके थे फिर हम दोनों नंगे ही एक दुसरे से लिपट कर सो गए, सुबह जल्दी उठाकर चाची को मैंने एक बार और चोदा,,,, चाची के साथ चुदाई का बहुत मज़ा आया मुझे, उसके बाद चाची ने मुझे चुदाई के बहुत से घुर सिखा दिए और मै एक नंबर का चुदक्कड बन गया बाद मैंने बहुत सी लडकियों को सोदा जिसका मै आगे की कहानियों के रूप मै आप के सामने प्रस्तुत करूँगा जिसमे मेरी चचेरी बहिन पिंकी की चुदाई भी सामिल है | आपको मेरी कहानी कैसी लगी आप अपने मेरी ईमेल आईडी arjunchoudhary243@gmail.com पर जरुर भेजे